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वेद संसार का प्राचीनतम ग्रंथ : आचार्य धर्मपाल
जींद, जागरण संवाद केंद्र : ब्राह्मण धर्मशाला में दो दिवसीय आर्य प्रशिक्षण सत्र का आयोजन राष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा द्वारा किया गया। इसमें 150 सत्रार्थी पहुंचे। कुरुक्षेत्र से आए आचार्य धर्मपाल ने अपने व्याख्यान में कहा कि वेद संसार का प्राचीनतम ग्रंथ है और वेद विद्या ही संसार की प्राचीनतम विद्या है। इसी के मार्ग पर चलकर संसार का उद्धार हो सकता है।
आचार्य ने बताया कि आर्य ईश्वर को सही प्रकार से जानता व मानता है और ठीकठाक विधि द्वारा उसकी उपासना करता है। आचार्य ने बताया कि आर्य सिद्धांतों के द्वारा ही राष्ट्र को उन्नत व भय भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सकता है। आर्य सिद्धांत प्राणी मात्र की रक्षा के लिए हैं। इस अवसर पर राजबीर, सुशील, जसवीर, राजेश, बलवान, विनोद, अभिमन्यु आदि मौजूद थे।